हेलो दोस्तो,
जियो के कारण बीते एक साल में स्मार्टफोन की बिक्री कई गुना बढ़ गयी है | करोड़ो लोगो ने 4G फ़ोन ख़रीदा और हाई स्पीड इंटरनेट का प्रयोग कर रहे है |
जियो के बाद लगभग सभी टेलीकॉम कंपनियों ने अपनी 4G सेवाएं शुरू कर दी है | एक 4G सिम को यूज़ करने के लिए एक 4G स्मार्टफोन होना जरुरी है, पर क्या आपने कभी सोचा है एक 4G स्मार्टफोन की वास्तविक कीमत क्या होती है?
एक साधारण 4G स्मार्टफोन बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहले प्रोसेसर के लिए पैसे खर्च करने पड़ते है | अगर फ़ोन में एक अच्छे प्रोसेसर का प्रयोग नहीं किया जाएगा तो वह 4G से सभी बैंड सपोर्ट नहीं करेगा और अंततः ग्राहक को न ही अच्छी 4G नेटवर्क कवरेज मिलेगी और न ही फ़ास्ट इंटरनेट स्पीड मिलेगी |
इसके बाद बात आती है फ़ोन के दूसरे स्पेसिफिकेशन के बारे में जहाँ कंपनियां कैमरा लेंस, सेंसर, रैम, बैटरी, आदि कॉम्पोनेन्ट दूसरे कंपनियों से खरीदती है | जी हाँ, आज भी कई सारे स्मार्टफोन कंपनियां इन कॉम्पोनेन्ट को खुद से नहीं बनाती | आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एप्पल आईफोन 10 में भी सोनी के कैमरा लेंस का प्रयोग हुआ है |
स्मार्टफोन निर्माताओं को इन सभी कंपनियों को पैसे देने पड़ते है जिसके बाद एक साधारण 4G फोन की असल कीमत 1000-1300 रूपए तक पहुंच जाती है | इसके बाद आती है टैक्स की बारी | सभी मोबाइल फ़ोन कंपनियां हर साल भारतीय सरकार को टैक्स की एक मोटी रकम अदा करती है | इन स्मार्टफोन को प्रमोट करने के लिए कंपनियां विज्ञापन देती है, ऑफर लांच करती है, बैनर लगवाती है | इस तरह एक साधारण स्मार्टफोन भी ग्राहकों के हाथों तक आते-आते कम से कम 2000-2500 रूपए का हो जाता है |
जियो के कारण बीते एक साल में स्मार्टफोन की बिक्री कई गुना बढ़ गयी है | करोड़ो लोगो ने 4G फ़ोन ख़रीदा और हाई स्पीड इंटरनेट का प्रयोग कर रहे है |
जियो के बाद लगभग सभी टेलीकॉम कंपनियों ने अपनी 4G सेवाएं शुरू कर दी है | एक 4G सिम को यूज़ करने के लिए एक 4G स्मार्टफोन होना जरुरी है, पर क्या आपने कभी सोचा है एक 4G स्मार्टफोन की वास्तविक कीमत क्या होती है?
एक साधारण 4G स्मार्टफोन बनाने की प्रक्रिया में सबसे पहले प्रोसेसर के लिए पैसे खर्च करने पड़ते है | अगर फ़ोन में एक अच्छे प्रोसेसर का प्रयोग नहीं किया जाएगा तो वह 4G से सभी बैंड सपोर्ट नहीं करेगा और अंततः ग्राहक को न ही अच्छी 4G नेटवर्क कवरेज मिलेगी और न ही फ़ास्ट इंटरनेट स्पीड मिलेगी |
इसके बाद बात आती है फ़ोन के दूसरे स्पेसिफिकेशन के बारे में जहाँ कंपनियां कैमरा लेंस, सेंसर, रैम, बैटरी, आदि कॉम्पोनेन्ट दूसरे कंपनियों से खरीदती है | जी हाँ, आज भी कई सारे स्मार्टफोन कंपनियां इन कॉम्पोनेन्ट को खुद से नहीं बनाती | आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एप्पल आईफोन 10 में भी सोनी के कैमरा लेंस का प्रयोग हुआ है |
स्मार्टफोन निर्माताओं को इन सभी कंपनियों को पैसे देने पड़ते है जिसके बाद एक साधारण 4G फोन की असल कीमत 1000-1300 रूपए तक पहुंच जाती है | इसके बाद आती है टैक्स की बारी | सभी मोबाइल फ़ोन कंपनियां हर साल भारतीय सरकार को टैक्स की एक मोटी रकम अदा करती है | इन स्मार्टफोन को प्रमोट करने के लिए कंपनियां विज्ञापन देती है, ऑफर लांच करती है, बैनर लगवाती है | इस तरह एक साधारण स्मार्टफोन भी ग्राहकों के हाथों तक आते-आते कम से कम 2000-2500 रूपए का हो जाता है |
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